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पड़ोसन गीता की पीठ मालिश
प्रेषक : प्रशान्त रटाते
हैलो दोस्तो, मेरा नाम पिंटो है, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। यह कहानी अंतर्वासना पर मेरी पहली कहानी है।
मेरी तरफ से आप सभी के लंड और चूत को मेरा नमस्कार।
यह कहानी लड़कियों और भाभी की चूत में पानी लाएगी और मर्दो का लंड खड़ा हो जाएगा।
पहले मैं अपना परिचय देता हूँ, मैं 22 साल का लड़का हूँ, मेरा बदन स्लिम है, लेकिन मेरा लंड 8" लंबा और 2.5" मोटा है, इसका मतलब आप समझ सकते हो मेरा लंड कैसा होगा।
यह कहानी 5 साल पुरानी है जब मैं बारहवीं कक्षा की परीक्षा देकर मेरे गाँव गया था।
मेरे घर के बाजू में एक औरत रहती थी, उसका नाम गीता था, वो मुझे पहले से अच्छी लगती थी।
जब मैं गाँव जाता तो उसके घर में कोई ना कोई वजह से ज़रूर जाता। हम दोनों एक दूसरे के साथ खूब बातें किया करते थे।
एक दिन की बात है रात के 8 बजे थे, जब मैं उसके घर गया तब वो अपने कमर को पकड़े हुए खड़ी थी। वो घर में अकेली थी उसका पति मुंबई गया था किसी काम के सिलसिले में।
मैंने उससे पूछा- कमर क्यूँ पकड़ रखी है?
तो गीता ने जवाब दिया- कमर और पीठ में बहुत दर्द है !
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आपको तो मालूम ही रहेगा गाँव में ज्यादातर लोग खाना ख़ा कर सोने की तैयारी करते हैं, उस समय वहाँ कोई नहीं था।
मैंने कहा- क्या मैं आपकी कमर और आपकी पीठ की मालिश करूँ?
तो उसने कहा- ठीक है, लेकिन कोई देख लेगा तो?
इस पर मैंने कहा- अब रात हो गई है सब सोने की तैयारी कर रहे हैं, अब हमें कौन देखने वाला है।
तो वो मान गई, उसने मुझे एक मलहम दिया और वो सोफे पर मेरे तरफ पीठ करके लेट गई। मैं मलहम लगा कर उसकी पीठ और उसकी कमर की मालिश करने लगा, उसने साड़ी पहन रखी थी इसके वजह से मुझे उसकी पीठ की मालिश करते वक़्त दिक्कत हो रही थी।
मैंने उसे कहा- आप अपने ब्लाउज के बटन खोलो तो मैं अच्छे से आपकी पीठ मालिश कर सकूँगा।
तो उसने वैसे ही किया, मैं उसकी पीठ की मालिश कर रहा था, उसी समय मेरा एक हाथ नीचे फिसल गया और उसके स्तन को जाकर टकराया, लेकिन वो कुछ नहीं बोली।
फिर क्या था, मैं बार बार वैसे ही करता गया और उसके स्तन दबाता गया। वो कुछ नहीं बोली, मैंने इसको इशारा समझ लिया और उसके स्तन दबाता रहा।
काफ़ी देर बाद उसने कहा- अब बस करो ! बहुत हो गया।
फिर मैंने मालिश करनी बंद की और मैं अपने घर आ गया।
फिर एक घंटे बाद मैं उसके घर फिर चला गया, वो सोने की तैयारी कर रही थी।
मैंने उसे पूछा- अब तुम्हारी कमर और पीठ दर्द हो रही है क्या?
उसने जवाब दिया- अच्छा हुआ तूने मेरी पीठ और कमर की मालिश कर दी, नहीं तो मैं उठ नहीं पाती।
फ़िर उसने कहा- आज रात तुम यहीं सो जाओ, मैं अकेली हूँ।
हम सोने की तैयारी करने लगे और मैं उसके बाजू में ही लेट गया। फिर थोड़ी देर बात हमने बात की लेकिन मुझसे रहा नहीं गया। मैंने उसके वक्ष पर हाथ रख दिया, उसने मेरा प्रतिकार नहीं किया तो मैंने उसको अपने नीचे लिया और उसे चूमने लगा।
उसे मालूम था कि वो मुझसे चुदने वाली है, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
फिर धीरे धीरे मैंने उसकी साड़ी उसके बदन से अलग कर दी और उसका ब्लाउज से उसके स्तनों को आज़ाद कर दिया, इससे उसके स्तन उछल पड़े, उसने ब्रा नहीं पहनी थी।
मैंने उसके एक स्तन को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे स्तन को हाथ से रगड़ने लगा, इससे वो गर्म गर्म आहें भरने लगी।
फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए मैं उसके सामने बिल्कुल नंगा था। वो मेरे लंड को हाथ में लेके ऊपर नीचे करने लगी। फिर मैंने भी उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसे भी नंगा कर दिया।
उसकी चूत पर बाल थे शायद उसने कई दिनों से अपने बाल साफ़ नहीं किए थे। यह कहानी आप अंतर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हो।
उसने मुझसे कहा- मैं तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ।
मैंने वैसे ही किया, मैंने 69 की पोज़िशन ले ली और उसके मुँह में लंड डाल दिया और मैं उसकी चूत चाटने लगा।
इससे वो बेकाबू होने लगी और थोड़ी देर में वो मेरे मुँह में झड़ गई पर मेरा लंड चूसे जा रही थी। थोड़ी देर बाद मैं भी उसके मुँह में झड़ गया, वो मेरा सारा पानी पी गइ और मेरे लंड को चाट कर साफ कर दिया।
कुछ ही पल में उसने मेरा लंड फिर से अपने मुँह में भर लिया और उसे पागलों की तरह चूसने लगी। मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा। इससे उससे रहा नहीं गया, मेरा लंड एकदम हो गया था, तब वो मुझसे बोली- अब रहा नहीं जाता, अब यह लंड मेरी चूत में डाल दे, बहुत दिन से मेरी चूत ने किसी का लंड नहीं देखा।
मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था, मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया, अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रख दिया और एक झटका दिया। इससे मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया लेकिन उसके मुँह से चीख निकल पड़ी और कहने लगी- साले हरामी ! थोड़े धीरे कर ! तेरा लंड बहुत बड़ा है, अब तक इतना बड़ा लंड मैंने नहीं लिया अपनी चूत में !
मैं धीरे धीरे लण्ड अंदर बाहर करने लगा, वो भी अपनी कमर उछाल कर मेरा साथ देने लगी। यह देख कर मैंने और जोर से झटका मारा, इससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया।
फिर से उसकी मुख से चीख निकल पड़ी- हराम के ! मार डाला रे तूने !
ऐसे वो बड़बड़ाती रही लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था, मैं उसको चोदता गया, थोड़ी देर बाद वो भी दोबारा मेरा साथ देने लगी और नीचे से अपनी कमर उछाल रही थी।
मैं समझ गया कि यह अब मूड में है, मैं उसे चोदता रहा। वो अपने मुँह से आवाज़ निकल रही थी- और ज़ोर से मेरे राजा ! और ज़ोर से ! फाड़ डाल आज मेरी चूत ! आज से मैं तेरी हो गई हूँ ! जैसे तू चोदेगा, वैसे मैं चुदूँगी !
मैंने उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत में डालने लगा। मैं उसकी कमर को पकड़ कर आगे पीछे हो रहा था और वो भी मेरा साथ देते हुए खुद आगे पीछे हो रही थी, इससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा रहा था।
थोड़ी देर बाद वो झड़ गई और मेरे नीचे लेट गई लेकिन मेरा पानी आना बाकी था, मैं उसको चोदते गया और थोड़ी देर बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने उसे कहा- मेरा छूटने वाला है, कहाँ छोड़ूँ?
इस पर वो बोल उठी- मेरे मुँह में छोड़ ! मैं तेरा पानी पीना चाहती हूँ।
मैंने लंड उसकी चूत से निकाल कर उसके मुँह में भर दिया और वो मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी। मेरा पूरा माल उसके मुँह में चला गया और वो सारा चिपचिपा पानी पी गई और मेरा लंड चूस चूस कर साफ कर दिया।
हम दोनो वैसे ही पड़े रहे, एक दूसरे को चूमते रहे, मेरा लंड फिर खड़ा हुआ तो इस बार मैंने उसको घोड़ी बना कर उसकी गाण्ड मारी उसकी गाण्ड से खून निकलने लगा था क्योंकि उसने पहली बार गाण्ड मरवाई थी।
मैंने मेरा पूरा पानी उसकी गांड में ही छोड़ दिया और मैं निढाल होकर उसके ऊपर ही सो गया।
फिर हमें जब मौका मिलता, हम ज़रूर सेक्स करते, कभी मैं उसकी गाण्ड मारता, कभी उसकी चूत मारता।
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